Friday, 31 July 2009

Chaturmas - mahatmya

प्रतिदिन एक समय भोजन करने वाला पुरुष अग्निष्टोम यज्ञ के फल का भागी होता है | पंचगव्य सेवन करने वाले मनुष्य को चान्द्रायण व्रत का फल मिलता है |यदि धीर पुरुष चतुर्मास में नित्य परिमित अन्न का भोजन करता है तो सब पातकों का नाश हो जाता है और वह वैकुंठ धाम को पाता है |

1 comment:

  1. Hariom

    very nice work..plz. keep updating and spread the light of knowledge of our BAPU

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